Examउत्सव: परीक्षाओं के मद्देनजर अभिभावकों से चर्चा

द्वारा श्रीमती पारस गुप्ता, हिंदी शिक्षिका एवं लेखिका

प्रतिस्पर्धा के दौर में और विशेषकर से पूर्ण विद्यार्थी वर्ग में बढ़ता तनाव और चिंता एक चिंतनीय विषय है। बच्चों के तनाव को लेकर अभिभावकों का चिंतित होना जायज है। पर क्या आप जानते हैं कि परीक्षा को लेकर बच्चे के दिमाग में क्या क्या चल रहा है? यह बात आपको अजीब लगेगी, लेकिन बच्चों को परीक्षा व रिजल्ट का तनाव देने वाले उनके माता-पिता ही होते हैं।अधिकांश माता-पिता की यह अपेक्षा होती है कि उनके बच्चों के बोर्ड परीक्षा में बहुत अच्छे अंक आएँ, लेकिन इस अपेक्षा से बच्चों पर जो एक अनकहा व परोक्ष दबाव बनता है उससे वे अनजाने रहते हैं। एक अभिभावक के रूप में इन हालातों से निपटने के लिए सबसे पहली ज़िम्मेदारी उनकी ही होती है क्योंकि यह समय साथ देने का होता है न कि अपनी अपेक्षाओं से उन पर दबाव बनाने का।

माता-पिता को यह समझना होगा कि प्रत्येक बच्चे की प्रकृति, ग्राह्य शक्ति व बौद्धिक क्षमता भी होती है। अतः वे अपने बच्चों को समझें और परीक्षा से पूर्व तथा परीक्षा के दौरान इस तरह से व्यवहार करें कि बच्चे बहुत सहज अनुभव करें। उन पर प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष, किसी भी तरह का दबाव नहीं बनना चाहिए।

माना कि मौजूद शिक्षा व्यवस्था में अंकों की महत्ता है लेकिन अंकों से अधिक महत्वपूर्ण हमारे बच्चे हैं। याद रखें कि अंक किसी भी व्यक्ति की क्षमताओं का पैमाना नहीं है। अतः अभिभावक को कुछ बातों का ध्यान रखना होगा:

  • बच्चे समय पर पौष्टिक व संतुलित भोजन लें।
  • घर का वातावरण तनाव रहित रहे।
  • अपने बच्चों की तुलना अन्य बच्चों से न करें। तुलना करने से बच्चों का मनोबल टूट सकता है।
  • परीक्षा ख़राब होने से, कम अंक आने से अथवा फेल होने से बच्चे उतना नहीं घबराते हैं जितना कि वे अपने माता-पिता की डांट व आलोचना से घबराते हैं। इसके दुष्परिणामों से बचने के लिए हर परिस्थिति में उनके साथ मानसिक तौर पर जुड़े रहें।
  • बोर्ड परीक्षा या रिजल्ट जीवन की आखिरी परीक्षा या रिजल्ट नहीं है। जीवन में ऐसी अनेक परीक्षाएं देनी पड़ेंगी और उनके परिणामों का भी सामना करना पड़ेगा। इस तरह की चर्चा भी यदा-कदा बच्चों के साथ करें जिससे बच्चे हर परिस्थिति का डट कर सामना कर सकें।

अंततः बच्चों को समझाएँ कि परीक्षा ही नहीं अपितु जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में वे अपनी क्षमताओं के आधार पर श्रेष्ठतम प्रदर्शन / कार्य (Best ) करें और परिणाम की चिंता न करें। वे हमेशा उनके साथ हैं।

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